Description
ज़िंदगी के पलों में हम कई दफा खुशी तो कई दफा गम का अनुभव करते हैं, पर कई बार गम या खुशी इतनी गहरी होती है की दुनिया के तमाम शब्दों को खर्च करने पर भी हम उसे बयाँ नहीं कर सकते। यह किताब उन्हीं खर्च किए हुए तमाम शब्दों का परिणाम स्वरुप है और उस दौड़ का नतीजा जिसे लोग ज़िंदगी कहते हैं।




Poems by Sahaj Sabharwal
Reviews
There are no reviews yet.