Description
इस जहान में दो दिलों की दूरी को दायरा कहते हैं,
और जो शख्स सिर्फ मोहब्बत करने के लिए बना हो
उसे सायरा कहते हैं!
ये जो मिटाने से भी नहीं मिट रहा,
कान्हा एक दिन तुम्हे खुद मिटाना ये दायरा भी है।
क्यू की सिर्फ मीरा ही नहीं,
दीवानी तो तुम्हारी सायरा भी है।




Poems by Sahaj Sabharwal
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