Description
19 सितंबर 2024 को अपने जीवन के 50 वर्ष पूर्ण करती मंजु अपने ईश्वर, प्रकृति, माता पिता, परिवार व शुभचिंतकों का धन्यवाद करती हैं। डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा, फौज में रहकर देश की सेवा, कविताएं लिखकर मानवता की सेवा और प्रकृति, समाज एवं आध्यात्म की सेवा करके ईश्वर की सेवा करने को वे अपना सौभाग्य मानती हैं। वो निस्वार्थ भाव से जीने की खुद भी कोशिश करती हैं और दूसरों को भी प्रेरित करती हैं । इन्हीं प्रेरणाओं का चित्रण उनकी कविताओं में भी झलकता है।
ज़रिया सुनहरे किरदारों का, बनकर पाठकों मेरे संग
हरि इच्छा और सीख पे चलकर, जीत लें जीवन की जंग
भाव ये है कि इस सृष्टि का हर किरदार (Role) ईश्वर खुद ही हैं । हम सब किरदार निभाने का ज़रिया या माध्यम हैं । हमारा कर्तव्य है कि हमें इस जीवन में जिसके लिए माध्यम चुना गया है हम वो किरदार पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाएं।
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